




जांजगीर के अमरताल स्थित श्री आनंदन धाम में 4 से 6 जनवरी तक होगा सतगुरु रितेश्वरजी महाराज का भव्य प्रागट्य महोत्सव, देश के कोने-कोने से पहुंचेंगे भक्तजन, आयोजन समिति के अध्यक्ष पवन सिंघानिया ने दी जानकारी
शक्ति छत्तीसगढ़ से कन्हैया गोयल की खबर
सक्ति- आगामी 4,5 एवं 6 जनवरी को जांजगीर- अकलतरा मार्ग पर स्थित अमरताल में सतगुरु रितेश्वर जी महाराज का भव्य प्रागट्य महोत्सव का आयोजन किया गया है, सदगुरू श्री रीतेश्वर जी श्रीधाम वृंदावन का शुभागमन नए वर्ष में जांजगीर में हो रहा है,इस दौरान दिनांक 05 जनवरी को गुरुदेव भगवान का प्राकट्य महोत्सव(जन्म दिवस) है, उक्त अवसर पर प्रभु श्री का प्राकट्य महोत्सव मनाने पूरे भारत वर्ष से दूर दूर से श्रद्धालु जन अमरताल आश्रम पहुंचेगे,उपरोक्त कार्यक्रम की विस्तृत जानकारी देते हुए समिति के अध्यक्ष पवन सिंघानिया ने बतलाया कि श्री आनंदम धाम आश्रम अमरताल जिला- जांजगीर चाम्पा छत्तीसगढ़ में दिनांक 4/5/6 जनवरी को गुरुदेव का दिव्य एवं भव्य प्राकट्य महोत्सव मनाया जा रहा है,जिसमें भारतवर्ष के कोने कोने से आ रहे लगभग 1000 से भी अधिक भक्तजनों/अतिथियों के 03 दिवसीय आवास एवं भोजन प्रसाद की निःशुल्क व्यवस्था समिति द्वारा की गई है,इसके लिए अग्रसेन भवन अकलतरा/लिख्मनीया भवन अकलतरा/मिठायां भवन अकलतरा/अग्रसेन भवन नैला जांजगीर/माधव होटल जांजगीर के अलावे श्री आनंदन धाम आश्रम अमरताल में भी व्यवस्था की गई है, आयोजन समिति के अध्यक्ष पवन सिंघानिया ने बताया के बाहर से आने वाले अतिथियों के लिए सारी व्यवस्थाएं निःशुल्क है,सभी मुख्य कार्यक्रम अमरताल आश्रम में आयोजित है,कार्यक्रम के प्रथम दिवस 4 जनवरी देर रात्रि गुरुदेव जी का आगमन/गुरुनाम की मेंहदी संगोष्ठी /भोजन प्रसाद तथा गढ़वाल मध्यप्रदेश सेवा रहे सूफी संत श्री मनीष जी एवं साथीओ के द्वारा रंगारंग भक्तिमय संगीत का कार्यक्रम रखा गया है,क्रमशः 5 जनवरी को सुबह बाकी योग शिविर/योग/बालभोग/गुरु दर्शन एवं पद पूजा,दोपहर 12 बजे पत्रकार वार्ता,दोपहर 03 बजे सदगुरुदेवजी का मुख्य प्रबोधन संध्या 06 बजे सदगुरू सनातन सम्मान समारोह रात्रि 08 बजे से भव्य संगीत का कार्यक्रम सम्पन्न होगा, आयोजन समिति ने समस्त धर्म प्रेमियों,भक्त जनों को तीन दिवसीय आयोजन में सह परिवार शामिल होने का आग्रह किया है,सदगुरू श्री रितेश्वर जी भारतवर्ष के काशी में अंतरराष्ट्रीय सनातन विश्वविद्यालय एवं गुरुकुलम की स्थापना का भी संकल्प लिए हैं, जिसमें 1 करोड़ संस्थापक सदस्य जोड़े जा रहे हैं उनका मुख्य प्रयोजन सनातन संस्कृति को मजबूती प्रदान कर हिंदू राष्ट्र की स्थापना करना है