10 साल पुराने धान गबन मामले के आरोपी को हुई 3 साल की कैद,कडॉरी के संस्था प्रबंधक अशोक सिंह ने किया था 73 लाख रुपए का गबन, दो अन्य आरोपी नारायण गबेल एवं किशोर सिंह को किया गया दोष मुक्त
शक्ति छत्तीसगढ़ से कन्हैया गोयल की खबर
सक्ति-73 लाख रू. के धान गबन के मामले में प्रभारी संस्था प्रबंधक को 03 साल की सजा दी गई हसि,सेवा सहकारी समिति कडारी का है मामला। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट न्यायालय सक्ती ने सुनाई सजा,वर्ष 2013-14 में सेवा सहकारी समिति कडारी में अधिकारियों की टीम के द्वारा धान खरीदी की जांच की गई थी। जिसमें समिति प्रबंधक एवं अन्य के द्वारा मिलकर लगभग 4495.78 क्विंटल धान, अनुमानित कीमत 73 लाख रू. का शासन को हानि पहुंचाना पाए जाने पर थाना बाराद्वार में अपराध दर्ज कराया गया था। उक्त मामले में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट सक्ती के समक्ष मामले की सुनवाई हुई थी, जिसमें आरोपी आरोपी अशोक सिंह को दोषसिद्ध पाते हुए 03 साल की सजा एवं 5000 रू. के अर्थदंड से दंडित किया गया है।
सहायक जिला अभियोजन अधिकारी अरविन्द कुमार जायसवाल ने बताया कि वष 2013-14 में कलेक्टर जिला जांजगीर चांपा के आदेश पर पी. के. पाण्डेय, खाद्य अधिकारी, के. के. शर्मा नायब तहसीलदार चांपा, जी.आर. भतरा सहकारिता अधिकारी, एस.पी. सोनी संग्रहण केन्द्र प्रभारी एवं गिरधारी लाल राठौर को मिलाकर संयुक्त जांच दल का गठन कर विभिन्न धान खरीदी केन्द्र का निरीक्षण किया गया था। इसी क्रम में दिनांक 18.02.2014 को सेवा सहकारी समिति कडारी के अधीनस्थ धान उपार्जन केन्द्र का निरीक्षण कर जांच किया गया। जिसमें तत्कालीन प्रभारी समिति अशोक सिंह ठाकुर के द्वारा धान खरीदी से संबंधित दस्तावेज को जांच दल के सामने पेश किया गया। जिसमें भौतिक सत्यापन करने पर लगभग 4495.78 क्विंटल धान, अनुमानित कीमत 73 लाख रू. का कम धान होना पाया गया। जिसकी रिपोर्ट जांच दल के द्वारा एसडीएम चांपा के माध्यम से कलेक्टर जिला जांजगीर चांपा को प्रेषित किया गया तथा मामले की शिकायत थाना बाराद्वार में की गई थी, जिस पर थाना बाराद्वार के द्वारा अपराध क्रमांक 213/2015 धारा 409,34 भा.द.वि. दर्ज कर विवेचना किया गया था। मामले में विवेचना दौरान नारायण गबेल एवं किशोर सिंह की संलिप्तता पाए जाने पर थाना बाराद्वार द्वारा नारायण गबेल एवं किशोर सिंह को भी आरोपी बनाया गया था। प्रकरण में विवेचना उपरांत आरोपी अशोक सिंह, नारायण गबेल एवं किशोर सिंह के विरूद्ध अभियोग पत्र न्यायालय में पेश किया गया था। उक्त मामले में श्रीमती गंगा पटेल, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट न्यायालय सक्ती के समक्ष मामले की सुनवाई हुई थी। जिसमें न्यायालय द्वारा आरोपी अशोक सिंह को दोषसिद्ध पाते हुए 03 साल की सजा एवं 5000 के अर्थदंड से दंडित किया गया है। जबकि अन्य 02 अभियुक्त को संदेह का लाभ देकर दोषमुक्त कर दिया गया