



शक्ति राजा की सीएम भूपेश से मांग– आदिवासियों को अपनी जमीन बेचने का मिले अधिकार,विश्व आदिवासी दिवस पर करें मुख्यमंत्री घोषणा, पूर्व में भी राजा साहब ने बघेल से रखी थी मांग, शासकीय अनुमति के आभाव में ओने- पौने दामों में बिक रही आदिवासियों की जमीने
शक्ति छत्तीसगढ़ से कन्हैया गोयल की खबर
सक्ति- अविभाजित मध्यप्रदेश के पूर्व कैबिनेट मंत्री एवं शक्ति रियासत के राजा सुरेंद्र बहादुर सिंह ने एक बार फिर से छत्तीसगढ़ प्रदेश में आदिवासियों को अपनी जमीन बेचने का अधिकार देने की मांग छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से की है, राजा सुरेंद्र बहादुर सिंह ने एक भेंटवार्ता में बताया कि 9 अगस्त को विश्व आदिवासी दिवस पूरी दुनिया में मनाया जाएगा तथा उनके द्वारा पूर्व में भी कई बार प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, महामहिम राज्यपाल, कमिश्नर -कलेक्टर सहित छत्तीसगढ़ शासन के उच्च अधिकारियों से भी इस संबंध में अवगत कराते हुए मांग की जा चुकी है, किंतु आने वाले 9 अगस्त को विश्व आदिवासी दिवस पर आदिवासी भाइयों के लिए सबसे बड़ा तोहफा यही होगा कि छत्तीसगढ़ की सरकार उन्हें अपनी जमीनों को बेचने का अधिकार दे
शक्ति के राजा सुरेंद्र बहादुर सिंह ने कहा कि आज आदिवासी समाज अपने परिवार के बेहतर पालन पोषण एवं बच्चों को अच्छी शिक्षा तथा अन्य जरूरी परिवारिक कार्यों में खर्च के लिए मुंह ताकता है, तथा यदि राज्य शासन उन्हें अपनी जमीनों को बिक्री करने का अधिकार दे, तो आज आदिवासियों की जमीन भी अच्छे दामों पर बिक सकती है, किंतु आज इसके आभाव में आदिवासियों की जमीनों को औने- पौने दामों में दूसरे लोग खरीद लेते हैं, तथा आदिवासी भाइयों को अपनी ही जमीन का उचित मूल्य नहीं मिल पाता, राजा सुरेंद्र बहादुर सिंह ने प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से सहृदयता पूर्ण इस संवेदनशील मसले पर आदिवासी समाज को एक बड़ी सौगात देने की मांग की है, तथा राजा साहब ने कहा है कि यदि प्रदेश के मुख्यमंत्री यह घोषणा कर देते हैं तो छत्तीसगढ़ का आदिवासी समाज उनका सदैव आभारी रहेगा
ज्ञात हो कि विगत वर्षों राजा सुरेंद्र बहादुर सिंह ने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के सर्किट हाउस जांजगीर में आगमन के दौरान भी इस बात को लेकर उन्हें ज्ञापन प्रेषित किया था तथा उनसे विस्तार पूर्वक चर्चा भी की थी जिस पर मुख्यमंत्री बघेल ने उन्हें इस पर आवश्यक कार्रवाई करने का आश्वासन भी दिया था
सूत्रों की माने तो वर्तमान में छत्तीसगढ़ प्रदेश में आदिवासी समाज के लोगों को अन्य वर्ग के लोगों को अपनी जमीनों को बेचने का अधिकार नहीं है, तथा आदिवासी अपनी जमीनों को सिर्फ आदिवासी को ही बिक्री कर सकता है, विशेष परिस्थितियों में कलेक्टर की अनुमति से यह बिक्री संभव होती है, किंतु इसके बावजूद राज्य में आज धड़ल्ले से आदिवासियों की जमीनों को अन्य लोग औने- पौने दामों में खरीद रहे हैं, तथा शक्ति राजा का यही कहना है कि यदि शासन विधिवत जमीन अन्य वर्ग के लोगों को बेचने की अनुमति देगी तो उन्हें अपनी जमीनों के मुंह मांगी कीमत भी मिलेगी तथा उनका जीवन भी आर्थिक रूप से और अधिक सुदृण हो सकेगा
