शक्ति शहर में गहराने लगा है पेयजल संकट, शहर के विभिन्न वार्डों में वाटर लेवल नीचे जाने से समस्या हो गई चालू, 90 करोड़ की जल आवर्धन योजना भी आज तक नहीं हुई है पूरी, नवनिर्वाचित पार्षदों को भी देना होगा अपने वार्डों में पेयजल समस्या को लेकर ध्यान, पानी की समस्या प्रतिवर्ष ग्रीष्म ऋतु में प्रशासन के लिए रहती है बड़ी चुनौती


शक्ति शहर में गहराने लगा है पेयजल संकट, शहर के विभिन्न वार्डों में वाटर लेवल नीचे जाने से समस्या हो गई चालू, 90 करोड़ की जल आवर्धन योजना भी आज तक नहीं हुई है पूरी
शक्ति छत्तीसगढ़ से कन्हैया गोयल की खबर
सक्ती- दशकों से शक्ति शहर में गर्मी के समय पानी की समस्या लोगों के लिए एक परेशानी बनी हुई है, तथा शहर के 18 वार्डों में मार्च महीना शुरू होते ही जहां वाटर लेवल डाउन होने से पानी की समस्या उत्पन्न हो गई है, तो वहीं नगर पालिका क्षेत्र में विगत कई वर्षों से करीब 90 करोड रुपए की नई जल आवर्धन योजना का काम चल रहा है, जो कि आज तक पूरी नहीं हो पाई है, जिससे लोगों को बारहों महीने पेयजल मिलने का सपना केवल सपना रह गया है, किंतु वर्तमान में तो मार्च महीने के प्रारंभ में ही पढ़ रही भारी गर्मी के चलते शक्ति शहर के वार्ड क्रमांक- 06 वार्ड क्रमांक-09,वार्ड क्रमांक- 18 सहित अनेकों ऐसे वार्ड हैं जहां के लोगों को पानी की दिक्कत हो रही है
तथा नगर पालिका प्रशासन द्वारा विगत वर्षों में आवश्यकता अनुसार पानी के नए बोर भी करवाए गए हैं, किंतु गर्मी चालू होते ही ऐसे बोर में समय को देखते हुए नए पाइप एवं उसके और अधिक रखरखाव की भी आवश्यकता होती है, जिसे नगरपालिका द्वारा तत्काल व्यवस्था बनानी चाहिए एवं शहर में नगर पालिका द्वारा पानी टैंकर के माध्यम से भी जल आपूर्ति की जाती है एवं इस वर्ष तो ऐसा लगता है कि मार्च महीने में ही नगर पालिका को पानी की स्थाई रूप से पूरे गर्मी भर टैंकर सेवा संचालित करनी पड़ेगी एवं नगर पालिका प्रशासन को चाहिए कि करीब 90 करोड रुपए की चल रही जल आवर्धन योजना के काम को अविलंब पूर्ण करा कर इसका लाभ शहर की जनता को दे
वहीं दूसरी ओर नगर पालिका शक्ति के नए चुनाव भी संपन्न हो चुके हैं, एवं कई वार्डों में पार्षद भी पहली बार चुन कर आए हैं, इन सभी जनप्रतिनिधियों को भी नगरपालिका प्रशासन द्वारा अपने-अपने वार्डों में बेहतर ढंग से नागरिकों को कैसे सुविधा दी जा सके इस दिशा में भी आवश्यक पहल करनी चाहिए,एवं कई वार्ड के पार्षद तो दूसरे वार्ड में रहते हैं, तो भला उनसे वार्ड के लोग अपने पार्षद जी से संपर्क कैसे करेंगे, इस दिशा में भी ऐसे सभी पार्षदों को अपने वार्ड की जनता से संवाद की एक स्थाई व्यवस्था बनानी चाहिए, जिससे उनके वार्ड की जनता को छोटे-छोटे कामों के लिए कोई दिक्कत ना हो, अन्यथा चुनाव के समय तो जनता अपने पार्षद को चुनकर पूरे विश्वास के साथ भेजती हैं,किंतु उनके छोटे-छोटे कामों के लिए यदि वे परेशान होंगे तो फिर भला पार्षद चुनने का क्या फायदा