मूक बधिर बच्चों के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर का कार्यक्रम- महावीर इंटर कॉन्टिनेंटल द्वारा मूक बधिर दिव्यांग बच्चों के लिए होगा राष्ट्रीय सम्मेलन एवं स्किल डेवलपमेंट कार्यक्रम, राजस्थान के बीकानेर में 28 सितंबर से 2 अक्टूबर तक होगा कार्यक्रम, संस्था के प्रमुख लोकेश कावड़िया ने दी जानकारी, विगत वर्ष गुवाहाटी में आयोजित था कार्यक्रम


महावीर इंटरकॉन्टिनेंटल द्वारा मूक बधिर दिव्यांग बच्चों के लिए होगा राष्ट्रीय सम्मेलन एवं स्किल डेवलपमेंट कार्यक्रम, राजस्थान के बीकानेर में 28 सितंबर से 2 अक्टूबर तक होगा कार्यक्रम, संस्था के प्रमुख लोकेश कावड़िया ने दी जानकारी
शक्ति छत्तीसगढ़ से कन्हैया गोयल की खबर
सक्ति- महावीर इंटरकॉन्टिनेंटल द्वारा 28 सितम्बर से 2 अक्टूबर 2024 तक महात्मा गांधी जयंती के उपलक्ष्य में बीकानेर (राजस्थान) में मूक-बधिर (दिव्यांग) बच्चों का राष्ट्रीय सम्मेलन एवं स्किल डेवलेपमेन्ट” कार्यक्रम आयोजित किया गया है उपरोक्त जानकारी देते हुए महावीर इंटरकॉन्टिनेंटल के लोकेश कावड़िया रायपुर ने बताया की महात्मा गांधी जी हर सोमवार को मौन व्रत रखते थे लेकिन उन लोगों का क्या जिन्हें स्वभाव से मौन रहना पड़ता है, इसलिए हमारे राष्ट्रपिता की स्मृति के रूप में हर वर्ष महावीर इन्टरकान्टीनेंटल सर्विस आर्गेनाईजेशन (भीसो) एवं अनाम प्रेम द्वारा 2 अक्टूबर गांधी जयंती के दौरान मूक-बधिर (दिव्यांग) बच्चों का राष्ट्रीय स्किल डेवलेपमेन्ट” कार्यक्रम आयोजित करते है
लोकेश कावड़िया ने बताया कि इस वर्ष यह कार्यक्रम राजस्थान के बीकानेर में अनाम प्रेम, सेठ बालचंद डागा चेरिटेबल ट्रस्ट, श्रीमती लूनीदेवी डागा ट्रस्ट और हंसा गेस्ट हाऊस के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित किया जा रहा है,महावीर इन्टरकान्टीनेंटल सर्विस आर्गेनाईजेशन (मीसो) और अनाम प्रेम पिछले कई वर्षों से इस तरह के कार्यक्रमों का आयोजन करते आ रहे है। 2002 में मुम्बई महाराष्ट्र से यह सफर शुरू हुआ था व हर वर्ष भारत के विभिन्न राज्यों को इस मुहिम से जोड़ना जारी रहा है। जिन शहरो और राज्यों में यह कार्यक्रम पहले आयोजित किये गये थे उनकी सूची अनुलग्नक ए में दी गई है। औसतन इस कार्यक्रम में अंडमान और निकोबार द्वीप एवं केंन्द्र शासित प्रदेशों सहित भारत के 10 से 15 विभिन्न राज्यों के मूक-बधिर (दिव्यांग) बच्चे शामिल होते है। महामारी से पहले पिछले कुछ वर्षों के दौरान कार्यक्रम में भूटान और श्रीलंका के बच्चे भी शामिल हुए थे, गत वर्ष गुवाहाटी (आसाम) में भी भूटान के बच्चे शामिल हुए थे। इस वर्ष हम भारत के कम से कम 25 राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों से मूक-बधिर (दिव्यांग) बच्चो का प्रतिनिधित्व जुटाने का प्रयास कर रहे है। अनुलग्नक-ए में स्थानों की सूची से यह देखा जा सकता है कि भाषा का महत्व नहीं है बल्कि प्रेम और आत्मीयता के साथ रहने का महत्व है, वास्तविक भाषा “प्रेम और आत्मा की भाषा है। एक बच्चा बिना भाषा के भी धरती पर आते ही अपनी माँ को पहचान लेता है, प्रेम की शक्ति ऐसी ही होती है। इसलिए महावीर इन्टरकान्टीनेंटल सर्विस आर्गेनाईजेशन (मीसो), अनाम प्रेम, सेठ बालचंद डागा चेरिटेबल ट्रस्ट, श्रीमती लूनीदेवी डागा ट्रस्ट और हंसा गेस्ट हाऊस इन बच्चों पर प्रेम बरसाते है जिन्हें इस कार्यक्रम में आमंत्रित किया जाता है ताकि वे हम सबके साथ सीखें, खेलें और मौज-मस्ती के साथ प्रेम की डोर से बंधे रहे
लोकेश कावड़िया ने कहा कि हम आपसे अनुरोध करते है कि संस्था से मूक-बधिर (दिव्यांग) बच्चों 16 से अधिक न हो और जिनकी आयु 12 से 20 वर्ष के बीच हो, अपनी संस्था या विद्यालय से 3 शिक्षकों एवं 1 संस्था कर्मचारी के साथ अन्य सभी राज्यों के बच्चों के साथ इस कार्यक्रम में भाग लें। आपके राज्य से बीकानेर और वहाँ से वापस आने का परिवहन खर्च इस कार्यक्रम में हिस्सा लेने वाली संस्था को ही वहन करना होगा। इस कार्यक्रम में बीकानेर पहुँचने के बाद इन बच्चों का खाना पीना, रहना घुमना आदि की व्यवस्था महावीर इन्टरकान्टीनेंटल सर्विस आर्गेनाईजेशन (मीसो), अनाम प्रेम, सेठ बालचंद डागा चेरिटेबल ट्रस्ट, श्रीमती लूनीदेवी डागा ट्रस्ट और हंसा गेस्ट हाऊस द्वारा वहन किया जायेगा, कोई अन्य शुल्क या योगदान अपेक्षित नहीं है
इस कार्यक्रम में हिस्सा ले रहें बच्चों को विभिन्न कौशलों से परिचित कराया जायेगा जिससे वे स्थायी आजीविका प्राप्त कर सकते है। कई अन्य प्रतियोगितायें भी होगी जिनमें मूक-बधिर (दिव्यांग) बच्चें अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन कर सकते है, जैसे गायन, चित्रकारी, फोटोग्राफी, समाचार रिपोर्टिंग, मिमिक्री आदि। कार्यक्रम के अंतिम दिन यानी 2 अक्टूबर 2024 को एक सांस्कृतिक कार्यक्रम होगा जहाँ प्रत्येक स्कूल के बच्चे सांस्कृतिक आदान प्रदान के हिस्से के रूप में अपने राज्य/क्षेत्र का पारंपरिक लोक नृत्य का एक छोटा नाटक प्रस्तुत कर सकते है कोई भाषण या धार्मिक उपदेश नहीं होगें। संगम केवल प्रेम की नमी में भीगने के बारे में होगा। यह कहने की आवश्यकता नहीं है कि संगम के सुचारू संचालन को सुनिश्चित करने के लिए कार्यक्रम स्थल पर डॉक्टर, सांकेतिक भाषा के दुभाषिए उपलब्ध होगें,कृपया हमें अपने स्कूल की भागीदारी के बारे में जल्द से जल्द सूचित करें। ताकि हमें भाग लेने वाले सदस्यों के वातानुकुलित आवास को आरामदायक और परेशानी मुक्त बनाने के लिए आगे की व्यवस्था करने में मदद होगी। हम आपके उत्तर का बेसब्री से इंजतार कर रहे है,मूक-बधिर (दिव्यांग) बच्चों की सेवा में-महावीर इन्टरकान्टीनेंटल सर्विस आर्गेनाईजेशन (मीसो) एवं अनाम प्रेम