
अपने वेतन के लिए छत्तीसगढ़ के नगरीय निकाय कर्मचारी करेंगे उग्र आंदोलन, सरकार को अल्टीमेटम देने के बावजूद नहीं हुई कोई पहल, शहरी क्षेत्र में आम नागरिकों को हो सकती है समस्याएं
शक्ति छत्तीसगढ़ से कन्हैया गोयल की खबर
सक्ति-छत्तीसगढ़ प्रदेश में नगरीय निकायों में 1 से 4 माह तक के वेतन लंबित होने पर कर्मचारियों ने उग्र अंदोलन की चेतावनी दी है,ज्ञात हो कि छत्तीसगढ़ के नगरीय निकायों में हमेशा की तरह ही वेतन समस्या बना हुआ है। इस संबंध में कुछ दिवस पूर्व ही विभिन्न सगठनों ने वेतन समस्या का निराकरण किये जाने हेतु उपमुख्यमंत्री एवं विभागीय मंत्री श्री अरूण साव जी को ज्ञापन भी सौपा है, किन्तु शासन स्तर से इसका निराकरण नहीं हो पाया है जिसके कारण निकाय के कर्मचारी परेशान है। वर्तमान स्थिति में बागबहरा, तुमगांव, महासमुंद, पिथौरा, सराईपाली, पंडातराई, मारो, डौण्डीलोहरा, अंबागढ़ चौकी, राजनांदगावं, भानुप्रतापपुर, नहरपुर, फरसागांव, कोंडागांव, भैरमगढ़, कटघोरा, गौरेला, कोटा, तखतपुर, रतनपुर, जरहागांव, बरेला, किरोडीमल नगर, अड़भार, जैजैपुर, शक्ति, बरमकेला, बिलाईगढ़, मगररोड, कसडोल, कुंरा, चंद्रखुरी, शिवपुरचरचा, राजपुर, झगराखंड, नईलेदरी, सीतापुर, प्रेमनगर, अकलतरा, रामानुजगंज, कुसमी, कांकेर, फिगेश्वर, खैरागढ़, पिपरिया, तथा बस्तर में 1 से 4 माह का वेतन भुगतान लंबित है। इस संबंध में नवयुक्त अधिकारी / कर्मचारी कल्याण संघ छत्तीसगढ़ के प्रदेश अध्यक्ष, राजेश सोनी, प्रदेश उपाध्यक्ष, मुकेश तिवारी, प्रदेश महामंत्री सुभाष सोनकर, मयंक बसंतानी, जितेन्द्र देवांगन, विकास ठाकुर, प्रदेश सचिव ऋसभ ठाकुर तथा प्रदेश कोषाध्यक्ष संदीप चन्द्राकर ने बताया है कि नगर पंचायत/नगर पालिकाओं में हमेशा से ही वेतन समस्या बना हुआ इस संबंध में राज्य शासन को अवगत कराते हुये मांग किया गया है कि शासन नगरीय निकायों में प्रतिमाह वेतन भुगतान की व्यवस्था सुनिश्चित करे। नवयुक्त संघ के पदाधिकारियों ने कहा है कि वेतन भुगतान की व्यवस्था सुनिश्चित नहीं होने पर उग्र अंदोलन करने की चेतावनी दी है


