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हेल्पिंग हैंड्स का मिशन आन्या– हेल्पिंग हैंड्स के प्रयास से हैदराबाद एआईजी हॉस्पिटल के लिए रवाना हुई बेबी आन्या, संस्था ने करी लोगों से दुआएं करने की अपील, बिलासपुर के सेलून व्यापारी की बिटियां हैं आन्या, ₹12000/-रुपये की व्यवस्था नहीं होने से एम्स हॉस्पिटल से करवाना पड़ा था डिस्चार्ज, हेल्पिंग हैंड्स ने उठाया इलाज का बीड़ा

<em>हेल्पिंग हैंड्स का मिशन आन्या-- हेल्पिंग हैंड्स के प्रयास से हैदराबाद एआईजी हॉस्पिटल के लिए रवाना हुई बेबी आन्या, संस्था ने करी लोगों से दुआएं करने की अपील</em>, बिलासपुर के सेलून व्यापारी की बिटियां हैं आन्या, ₹12000/-रुपये की व्यवस्था नहीं होने से एम्स हॉस्पिटल से करवाना पड़ा था डिस्चार्ज, हेल्पिंग हैंड्स ने उठाया इलाज का बीड़ा Console Corptech
आन्या बिटिया के शीघ्र स्वस्थ होने की लोग करें दुआएं
<em>हेल्पिंग हैंड्स का मिशन आन्या-- हेल्पिंग हैंड्स के प्रयास से हैदराबाद एआईजी हॉस्पिटल के लिए रवाना हुई बेबी आन्या, संस्था ने करी लोगों से दुआएं करने की अपील</em>, बिलासपुर के सेलून व्यापारी की बिटियां हैं आन्या, ₹12000/-रुपये की व्यवस्था नहीं होने से एम्स हॉस्पिटल से करवाना पड़ा था डिस्चार्ज, हेल्पिंग हैंड्स ने उठाया इलाज का बीड़ा Console Corptech
आन्या बिटिया के शीघ्र स्वस्थ होने की लोग करें दुआएं

हेल्पिंग हैंड्स का मिशन आन्या– हेल्पिंग हैंड्स के प्रयास से हैदराबाद एआईजी हॉस्पिटल के लिए रवाना हुई बेबी आन्या, संस्था ने करी लोगों से दुआएं करने की अपील

शक्ति छत्तीसगढ़ से कन्हैया गोयल की खबर

सक्ति-बिलासपुर के एक सेलून में कार्यरत रितेश श्रीवास किसी तरह रोजी कर अपना व परिवार का पेट पालने वाले कई साल की मन्नतों बाद एक बिटिया मिली,नाम है आन्या श्रीवास जब बच्ची कुछ बड़ी हुई तोउसका पेट फूल रहा था एम्स में एडमिट हुई कुछ दिन एम्स में रही एक टेस्ट के लिए 12000 लगना था, वहा रितेश ने कोशिश तो बहुत् की पर नहीं जुटा पाया, 12000 ना होने के कारण एम्स से डिस्चार्ज लेना पड़ा,न्यूज़ के माध्यम से हमेशा दूसरो की तकलीफ़ में साथ खड़े रहने वाली छत्तीसगढ़ की संस्था हेल्पिंग हैंड्स क्लब को जब इसकी जानकारी हुई तो संस्था ने तत्काल टीम से बात करके रायपुर रामकृष्ण हॉस्पिटल बुलाकर बच्ची को एडमिट कराया टेस्ट हुए कई प्रकार के, रिजल्ट ऐसा मिला जो पूरे भारत में सिर्फ 14 लोगो को आज तक ये बीमारी हुई है,तथा रायपुर के रामकृष्ण अस्पताल में इलाज संभव नहीं था,जिस पर टीम ने मुंबई संपर्क किया,मुंबई के डॉक्टर ने आनलाइन कंसल्ट कर बच्ची को 2 महीने डायटिंग चार्ट दिया,बच्ची का घर पर ही डायटिंग एवं पाउडर चल रहा था,अचानक कुछ दिन पहले बच्ची को खून कि उल्टी हुई तत्काल टीम ने उस बच्ची को रायपुर स्थित बालाजी अस्पताल में एडमिट कराया 3 दिन में बच्ची एकदम स्टेबल हो गई

हेल्पिंग हैंड्स परिवार पिछले तीन रात से सोई नहीं दिन रात इस बच्ची को बचाने का हर संभव प्रयास कर रही सदस्य लगातार साथ में हॉस्पिटल में रहे मौजूद थे, सुबह 10.30 बजे रायपुर से ट्रेन में हैदराबाद एशिया के सबसे बड़े हॉस्पिटल AIG भेजा गया,हेल्पिंग हैंड्स परिवार अपनी बच्ची बनाकर एक अनजान बच्ची की मदद कर रहा है,प्रदेश में कई जगह कई लोग बच्ची के लिए पूजा अर्चना कर रहे है,जगह जगह भोजन वितरण बच्ची के नाम से किया जा रहा है। कल हनुमान चलिसा का महा पाठ होगा,संस्था ने कहा है कि आपके माध्यम से लोगो से अपील है कि आन्या के लिए दुवाओं की प्रार्थना करें,आन्या को दुवाओं और प्रार्थनाओं की जरूरत है, हेल्पिंग हैंड्स के सदस्यबिलासपुर से रायपुर तक निरन्तर सक्रिय है साथ ही जब रायपुर पहुंची आन्या तो टीम के सदस्य रात भर साथ रहे हॉस्पिटल में, आन्या हेल्पिंग हैंड्स की जान बन चुकी है, हम हर सम्भव प्रयास करेंगे,आन्या के लिए हेल्पिंग हैंड्स के सदस्यों ने कहा है कि भगवान आन्या को जल्दी स्वस्थ करे,सबकी दुआओं की बहुत जरूरत हैं इस समय आप सभी आन्या के एक दुआ अवश्य मांगिये क्या पता कब किसकी दुआ इस बच्ची के लिए वरदान साबित हो जाए

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