

साहित्यकारों ने राष्ट्रभक्ति को लेकर बांधा समां- कन्नौजिया श्रीवास समाज साहित्यिक मंच छत्तीसगढ़ द्वारा स्वतंत्रता दिवस एवं श्रावण मास पर काव्य गोष्ठी सम्पन्न, जाने माने साहित्यकारों की रही उपस्थिति
शक्ति छत्तीसगढ़ से कन्हैया गोयल की खबर
सकती-साहित्यिक परंपरा का निर्वहन करते हुए कन्नौजिया श्रीवास समाज साहित्यिक मंच छत्तीसगढ़ द्वारा 13 अगस्त की शाम गूगल मीट के माध्यम से ऑनलाइन काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया,इस कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में कन्नौजिया श्रीवास समाज के भूत पूर्व केंद्रीय महासचिव अंजनी श्रीवास की उपस्थिति रहीकार्यक्रम का आगाज मा सरस्वती की वंदना से गायत्री श्रीवास द्वारा की गई,मंच संचालन महासचिव डॉ हितेंद्र श्रीवास एवं नोबेल श्रीवास के द्वारा सम्मिलित रूप से की गई,विशिष्ठ अतिथि अंजनी श्रीवास ने मंच की सराहना करते हुए आगे अग्रसर होने और हमेशा सहयोग प्रदान करने की बात की शनैः शनैः कवियों की उपस्थिति के साथ कार्यक्रम में रंग चढ़ता गया और सभी कवियों के द्वारा अपने अपने अंदाज में खूबसूरत और मनमोहक रचनाये प्रस्तुत की गई जिनमे “ऐ भारत माँ मैं तेरी शान बनूँगा ( प्रकाश चंद्रा ),मेरे देश की माटी बारम्बार नमन और श्रृंगार गीत ( पुष्पलता भार्गव ),सुरेश बंछोर तलपुरी एवं हरिशंकर श्रीवास द्वारा देशभक्ति पर बहुत सुंदर रचना और गायत्री श्रीवास द्वारा खूबसूरत मुक्तक,मेरे देश मे दुनिया बसती है ( संस्थापक रमाकांत श्रीवास ),दर्द देने वाला दिलदार भी अपना ( रामरतन श्रीवास ) और मंच के महासचिव डॉ हितेंद्र श्रीवास ने शाहिद की शहादत पर सवैया “खेल लिया उसने आज होली” और भोलेनाथ पर घनाक्षरी और गीत की खूबसूरत प्रस्तुति दी, और बाकी कवियों ने भी बहुत ही सुंदर ढंग से अपनी अपनी बात रखी,सभी की प्रस्तुति पर निरंतर तालियाँ बजती रही और वक़्त का एहसास न हुआ,सबकी प्रस्तुति शानदार और यादगार रही, और अंत मे मंच के कोषाध्यक्ष रविशंकर श्रीवास ने अध्यक्ष के निर्देश पर सभी अतिथियों एवं उपस्थित कवियों काआभार प्रकट किया और खुशनुमा माहौल में कार्यक्रम की समाप्ति हुई