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11 जुलाई से 16 जुलाई तक जांजगीर के मेडिटेशन हॉल में होगा आर्ट ऑफ लिविंग – हैप्पीनेस प्रोग्राम, 16 वर्ष से ऊपर के व्यक्ति ले सकेंगे इसका लाभ, तनाव से मुक्ति एवं जीवन जीने की कला सिखाता है हैप्पीनेस प्रोग्राम

<em>11 जुलाई से 16 जुलाई तक जांजगीर के मेडिटेशन हॉल में होगा आर्ट ऑफ लिविंग - हैप्पीनेस प्रोग्राम, 16 वर्ष से ऊपर के व्यक्ति </em>ले<em> सकेंगे इसका लाभ</em>, तनाव से मुक्ति एवं जीवन जीने की कला सिखाता है हैप्पीनेस प्रोग्राम kshititech
जांजगीर में आयोजित आर्ट आफ लिविंग का हैप्पीनेस प्रोग्राम एक नजर में

11 जुलाई से 16 जुलाई तक जांजगीर के मेडिटेशन हॉल में होगा आर्ट ऑफ लिविंग – हैप्पीनेस प्रोग्राम, 16 वर्ष से ऊपर के व्यक्ति ले सकेंगे इसका ला

शक्ति छत्तीसगढ़ से कन्हैया गोयल की खबर

सक्ति-आर्ट ऑफ लिविंग – हैप्पीनेस प्रोग्राम (16 वर्ष से अधिक के व्याक्तियों के लिये) 11 जुलाई से 16 जुलाई तक श्री श्री मेडिटेशन हॉल, जांजगीर में आयोजित किया जा रहा है। हैप्पीनेस प्रोग्राम प्रातः 6-00 से 9-00 बजे तक चलेगा, उपरोक्त जानकारी देते हुए आर्ट आफ लिविंग परिवार के सदस्यों ने बताया कि मनुष्य का जीवन ईश्वर की अनुपम कृति है । लेकिन व्यक्ति छोटी-छोटी घटनाओं से दुखी व तनावग्रस्त होकर इस मनुष्य जीवन की खुशियों से वंचित होता जा रहा है। हर घटना, हर परिस्थति से हम कैसे हँसते-मुस्कुराते हुए आगे निकल जाएं, यही जीवन जीने की कला है। पूज्य श्री श्री रविशंकर जी द्वारा निर्देशित, इस कोर्स से विश्व भर में लोग तनावमुक्त, स्वस्थ व खुशहाल जीवन जी रहे है। हैप्पीनेस प्रोग्राम शिविर में प्राणायाम, ध्यान व इस कोर्स के मुख्य अंग “सुदर्शन किया” के साथ-साथ वैदिक ज्ञान की छोटी-छोटी, सरल लेकिन सारगर्भित वातों के माध्यम व्यक्ति, अपने मन के स्वभाव से परिचित होता है। सुदर्शन क्रिया सांस लेने की एक सामान्य तकनीक होते हुए भी अत्यंत शक्तिवर्धक है। यह किया तनाव से मुक्ति दिलाती है, व्यक्ति को पूरी तरह से वर्तमान मे जीना सिखाती है। मनुष्य “सुदर्शन किया” के अभ्यास से बहुत ही कम समय में तनावमुक्त होकर खुशी का अनुभव करता है। शिविर में भाग लेने के उपरान्त लोगों ने स्वास्थ्य में सुधार, संबंधों में अपनापन व मन में खुशी व शांति का अनुभव किया है।

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