ड्राइवरो की हड़ताल से जन- जीवन हुआ प्रभावित, पूरे देश भर में हिट एंड रन कानून के विरोध में सड़कों पर उतर पड़े हैं ड्राइवर,गाड़ियां छोड़कर कर रहे विरोध, हड़ताल नहीं थमने से हो सकती है दैनिक उपभोग की वस्तुओ की आपूर्ति बाधित,शक्ति के पेट्रोल पंपों में डीजल- पेट्रोल मिलना हुआ बंद
ड्राइवरो की हड़ताल से जन- जीवन हुआ प्रभावित, पूरे देश भर में हिट एंड रन कानून के विरोध में सड़कों पर उतर पड़े हैं ड्राइवर,गाड़ियां छोड़कर कर रहे विरोध, हड़ताल नहीं थमने से हो सकती है दैनिक उपभोग की वस्तुओ की आपूर्ति बाधित,शक्ति के पेट्रोल पंपों में डीजल- पेट्रोल मिलना हुआ बंद
शक्ति छत्तीसगढ़ से कन्हैया गोयल की खबर
सक्ति- केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा देश भर में दुर्घटनाओं को रोकने बनाए गए हिट एंड रन कानून के विरोध में पूरे देश भर के ट्रको- बसो के ड्राइवर ने जहां महा हड़ताल प्रारंभ कर दी है, तो वहीं हड़ताल के चलते जहां दैनिक उपयोग की वस्तुओं की आपूर्ति प्रभावित हो रही है, तो वहीं पेट्रोल पंपों में डीजल पेट्रोल का भी संकट पैदा हो गया है, शक्ति क्षेत्र में भी पेट्रोल पंपों में डीजल पेट्रोल की भी स्थिति भयावह हो गई है, एवं छत्तीसगढ़ शासन खाद्य नागरिक आपूर्ति उपभोक्ता संरक्षण मंत्रालय ने भले ही प्रदेश में कलेक्टरों को पत्र जारी कर स्थिति सामान्य बनाए रखने के निर्देश दिए हैं, किंतु पेट्रोल पंप संचालकों का कहना है कि हमारे पास स्टॉक ही नहीं है तो आखिर में हम डीजल पेट्रोल कैसे देंगे
वहीं डीजल पेट्रोल नहीं मिलने से जहां सब्जियों की आवक भी प्रभावित होगी तो वही आम जनता को भी विभिन्न प्रकार की तकलीफों का सामना करना पड़ सकता है, तथा आज जिस तरह से पूरे देश भर में छोटे-बड़े वाहनों की संख्या इजाफा हुआ है तो वहीं अभी वर्तमान में छत्तीसगढ़ प्रदेश में धान की कटाई होने के बाद समितियों में धान की आवक एवं समितियों से राइस मिल तक धान का उठाव का काम चल रहा है तथा डीजल नहीं मिलने की स्थिति में जहां धान का उठाव भी प्रभावित होने की संभावना है तो वहीं डीजल पेट्रोल की अनुपलब्धता के चलते आम जनता का दैनिक जीवन बुरी तरह से प्रभावित होगा
वहीं ड्राइवरो का कहना है कि आज हिट एंड रनकानून जो बनाया गया है वह अव्याहारिक है एवं अनेकों बार दुर्घटनाओं के दौरान मौके पर उपस्थित जनता अपना निशाना ड्राइवर के ऊपर ही साधती है, एवं ड्राइवर जानबूझकर घटना नहीं करते,किंतु संयोगवश ऐसी परिस्थितिया बन जाती है की दुर्घटनाएं घटती हैं, जिसके लिए ड्राइवर को दोषी नहीं ठहराया जा सकता तथा ड्राइवर की जान को खतरा रहता है एवं ड्राइवर एक्सीडेंट के बाद वहां से अगर नहीं भागेगा तो क्या करेगा क्या वह अपनी जान जनता के सामने कुर्बान कर देगा
किंतु वहीं दूसरी ओर भारत देश में वर्षों से चले आ रहे मोटर व्हीकल एक्ट में संशोधन की आवश्यकता भी महसूस की जा रही थी, तथा देश में जिस तरह से प्रतिवर्ष सड़क दुर्घटनाओं में मरने वालों की संख्या में इजाफा हो रहा है तो वहीं अन्य देशों में मोटर व्हीकल एक्ट के चल रहे कड़े कानून की तर्ज पर भारत देश में भी यह संशोधन किया गया है, किंतु आज भारत देश में कहीं ना कहीं ट्रैफिक के नियमों को लेकर जागरूकता का आभाव आज भी है, जिसके चलते ट्रैफिक जागरूकता को लेकर चलाए जाने वाला शासन का अभियान महज कागजों तक सीमित होकर रह जाता है, किंतु अन्य देशों में आज ट्रैफिक नियमों की जानकारी एवं सड़कों पर दुर्घटनाओं के दौरान प्रशासन द्वारा इतना अधिक व्यवस्थित सिस्टम बनाया गया है, जिससे दुर्घटनाओं में काफी कमी आई है, तथा भारत देश में भी ऐसी व्यवस्था बनाने में अभी वर्षों लगेगे एवं भारत देश को आज विकासशील देश से विकसित राष्ट्र बनाने के लिए सभी को इसमें सहयोग करना होगा किंतु केंद्र की मोदी सरकार ने मोटर व्हीकल एक्ट में इतना बड़ा संशोधन कर दिया कि आज उसे संशोधन को देश के मोटर वाहन चालक स्वीकार नहीं कर पा रहे हैं, तो आखिरकार ड्राइवरो की हड़ताल को देखते हुए क्या केंद्र की सरकार इस हिट एंड रन कानून को वापस लेगी इस बात को लेकर भी चर्चाएं जोरों से है