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शक्ति के बुधवारी बाजार की तोड़फोड़ कांग्रेस के लिए बन सकती है नगरीय निकाय चुनाव में नासूर,तोड़फोड़ के बाद आज पर्यंत तक अधूरे निर्माण नही हो पाए पूरे,वाह रे शक्ति का प्रशासन, साल 2012 की तोड़फोड़ का आज तक दंश झेल रहे हैं शक्ति शहर वासी, शक्ति शहर की 90 करोड़ की जल आवर्धन योजना भी पड़ी है अधूरी

शक्ति के बुधवारी बाजार की तोड़फोड़ कांग्रेस के लिए बन सकती है नगरीय निकाय चुनाव में नासूर,तोड़फोड़ के बाद आज पर्यंत तक अधूरे निर्माण नही हो पाए पूरे,वाह रे शक्ति का प्रशासन, साल 2012 की तोड़फोड़ का आज तक दंश झेल रहे हैं शक्ति शहर वासी, शक्ति शहर की 90 करोड़ की जल आवर्धन योजना भी पड़ी है अधूरी kshititech
24 फरवरी 2023 को शक्ति के बुधवारी बाजार क्षेत्र में प्रशासन द्वारा चलाया गया अतिक्रमण हटाओ अभियान
शक्ति के बुधवारी बाजार की तोड़फोड़ कांग्रेस के लिए बन सकती है नगरीय निकाय चुनाव में नासूर,तोड़फोड़ के बाद आज पर्यंत तक अधूरे निर्माण नही हो पाए पूरे,वाह रे शक्ति का प्रशासन, साल 2012 की तोड़फोड़ का आज तक दंश झेल रहे हैं शक्ति शहर वासी, शक्ति शहर की 90 करोड़ की जल आवर्धन योजना भी पड़ी है अधूरी kshititech
24 फरवरी 2023 को शक्ति के बुधवारी बाजार क्षेत्र में प्रशासन द्वारा चलाया गया अतिक्रमण हटाओ अभियान
शक्ति के बुधवारी बाजार की तोड़फोड़ कांग्रेस के लिए बन सकती है नगरीय निकाय चुनाव में नासूर,तोड़फोड़ के बाद आज पर्यंत तक अधूरे निर्माण नही हो पाए पूरे,वाह रे शक्ति का प्रशासन, साल 2012 की तोड़फोड़ का आज तक दंश झेल रहे हैं शक्ति शहर वासी, शक्ति शहर की 90 करोड़ की जल आवर्धन योजना भी पड़ी है अधूरी kshititech
24 फरवरी 2023 को शक्ति के बुधवारी बाजार क्षेत्र में प्रशासन द्वारा चलाया गया अतिक्रमण हटाओ अभियान

शक्ति के बुधवारी बाजार की तोड़फोड़ कांग्रेस के लिए बन सकती है नगरीय निकाय चुनाव में नासूर,तोड़फोड़ के बाद आज पर्यंत तक अधूरे निर्माण नही हो पाए पूरे,वाह रे शक्ति का प्रशासन, साल 2012 की तोड़फोड़ का आज तक दंश झेल रहे हैं शक्ति शहर वासी

शक्ति छत्तीसगढ़ से कन्हैया गोयल की खबर

सकती- बीते साल 24 फरवरी 2023 में शक्ति जिले की प्रथम IAS कलेक्टर श्रीमती नूपुर राशि पन्ना ने शहर के बुधवारी बाजार क्षेत्र में व्यापक रूप से तोड़फोड़ का अभियान चलाकर दशकों से काबीज सैकड़ो परिवारों एवं छोटे-बड़े व्यापारियों को जहां बेघर कर दिया, भले ही कागजो में यह तोड़फोड़ स्थानीय नगर पालिका पालिका प्रशासन द्वारा करवाई गई, किंतु इस तोड़फोड़ के पीछे सीधे-सीधे शक्ति जिले की कलेक्टर आईएएस नूपुर राशि पन्ना के निर्देशन में ही संपूर्ण कार्यवाही हुई तथा बिना शहर की जनता को विश्वास में लिए यह अभियान प्रशासन ने चला दिया एवं इस तोड़फोड़ से सैकड़ो ऐसे परिवार एवं छोटे- बड़े व्यापारी प्रभावित हुए जो की 50-50, 100-100 सालों से यहां अपने परिवार के साथ रहकर  जीविकोपार्जन  कर रहे थे, किंतु धन्य हो जिला प्रशासन एवं स्थानीय प्रशासन जिसे इन लोगों की कोई चिंता नहीं थी, एवं कुछ घंटो में ही बड़े-बड़े जेसीबी वाहन से सभी अतिक्रमणों को नेस्ता नाबूत कर दिया गया

यहां तक लाखों- करोड़ों रुपए की लागत से बने सरकारी भवनों को भी प्रशासन ने तोड़ दिया तथा इन सरकारी भवनों को तोड़ने का क्या औचित्य था यह तो जिला प्रशासन को भी नहीं मालूम, किंतु अभियान में सब कुछ नेस्ता नाबूत हो गया तथा आज भी बुधवारी बाजार क्षेत्र का स्थल खंडहर में तब्दील हो चुका है, एवं जिस स्थान पर तोड़फोड़ की गई थी वहां अनेको महीनो पूर्व सड़क बनाने का कार्य प्रारंभ किया गया जो कि आज तक पूर्ण नहीं हो पाया है, एवं कछुआ गति से चल रहे इस निर्माण कार्य के पीछे ठेकेदारों का कहना है कि शासन का पैसा नहीं आ रहा है, जिसके कारण यह काम धीरे-धीरे चल रहा है, तथा यह कब पूर्ण होकर जनता के काम में आएगा यह तो कोई नहीं जानता, किंतु यह बात स्पष्ट है कि आने वाले कुछ महीनो में ही फिर से नगर पालिका के चुनाव होने हैं, तथा इन नगर पालिका के चुनाव में चुकी यह तोड़फोड़ कांग्रेस पार्टी के नगर पालिका में शासन रहते हुए हुई, तथा छत्तीसगढ़ प्रदेश में भी कांग्रेस पार्टी का ही शासन था, एवं शक्ति में विधायक भी कांग्रेस पार्टी का ही था, इसलिए जनता नगरीय निकाय के चुनाव में कांग्रेस पार्टी को सबक तो जरूर सिखाएगी, इस बात से कोई इनकार नहीं किया जा सकता, क्योंकि इसका प्रत्यक्ष उदाहरण साल 2014 के नगर पालिका के चुनाव में देखने को मिला था जब तत्कालीन डॉक्टर रमन सिंह की सरकार होते हुए भी शक्ति नगर पालिका में भाजपा सत्ता में काबिज नहीं हो पाई, क्योंकि इसका सबसे बड़ा कारण जो बताया जा रहा था वह यह था कि साल 2012 में तत्कालीन प्रशिक्षु IAS एसडीएम कार्तिकेय गोयल ने शहर में व्यापक रूप से जो तोड़फोड़ की एवं टेलीफोन एक्सचेंज से लेकर अग्रसेन चौक एवं अग्रसेन चौक से बुधवारी बाजार तक हजारों परिवारों को बेघर कर दिया तथा इस तोड़फोड़ का खामियाजा भारतीय जनता पार्टी को 2014 के नगर पालिका चुनाव में भुगतना पड़ा था, एवं तत्कालीन IAS एसडीएम कार्तिकेय गोयल जो कि वर्तमान में अब रायगढ़ जिले के कलेक्टर हैं एवं उन्होंने तोड़फोड़ तो जरूर करवा दी तथा उस समय भी यही कहा गया की तोड़फोड़ नगर पालिका प्रशासन ने की है किंतु इतनी बड़ी तोड़फोड़ के पीछे किसी जिले स्तर के बड़े अधिकारी के बिना संभव नहीं है, किंतु यह तो सरकारी प्रक्रिया है कि शहरी क्षेत्र में तोड़फोड़ का काम नगर पालिका करती है,भले ही पर्दे के पीछे रहकर आईएएस अधिकारी इसे हवा देते हैं

किंतु शक्ति शहर वासियों का दुर्भाग्य है कि शहर में 10 सालों के अंतराल में हुई दो बड़ी तोड़फोड़ के बाद भी आज पर्यंत तक शक्ति शहर की स्थिति वैसी की ही वैसी है, शहर में जहां छोटे-छोटे व्यापार आज समाप्त हो चुके हैं, तो वहीं प्रशासन को इसकी चिंता बिल्कुल भी नहीं है, एवं छत्तीसगढ़ प्रदेश में सरकार चाहे किसी की भी दल की हो, सरकार हमेशा अतिक्रमण से प्रभावित लोगों के विस्थापन की बात कहती है, किंतु शक्ति शहर में यह बात बेमानी नजर आती है, 10 सालों में हुई दो बड़ी तोड़फोड़ के बाद भी आज तक एक भी विस्थापन का कार्य प्रशासन ने नहीं किया, तथा बार-बार क्षेत्र के जनप्रतिनिधि एवं अतिक्रमण से प्रभावित लोग नेताओं एवं शासन के अधिकारियों के दरबार में जाकर मन्नते करते रहे, किंतु न नेताओं को कोई फुर्सत है, ना सरकारी अधिकारियों को कोई फुर्सत है,कि ऐसे अतिक्रमण से प्रभावित लोगों को राहत पहुंचा सके, सिर्फ चुनाव के समय वोट मांगने के लिए नेता जनता की शरण में पहुंचते हैं,तथा चुनाव जीतने के बाद कुर्सियों में और एयर कंडीशनर गाड़ियों में बैठकर ये अपना राज चलाते हैं,एवं तानाशाही करते हैं, किंतु शक्ति शहर में चल रहे ऐसे तोड़फोड़ से जनता उब चुकी है तथा आने वाला नगरीय निकाय का चुनाव निश्चित रूप से ऐसा लगता है कि कांग्रेस पार्टी के लिए नुकसान देह होगा तथा भले ही छत्तीसगढ़ में वर्तमान में भारतीय जनता पार्टी की सरकार है किंतु इसके बावजूद स्थानीय विधायक तथा छत्तीसगढ़ में विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष डॉ चरण दास महंत शक्ति शहर तथा अपने गृह विधानसभा के इस मुख्यालय के लिए इस नगरीय निकाय चुनाव की आचार संहिता लगने के पहले पहले अगर जनता के लिए कुछ राहत भरा कार्य कर गए तब तो कांग्रेस के पक्ष में थोड़ा बहुत परिणाम जाता नजर आ रहा है, वरना ऐसा लगता है कि जनता इस कांग्रेस पार्टी को सबक सिखाएगी

उल्लेखित हो की जैसे बड़े महानगरों में कुछ क्षेत्र उस शहर की पहचान रहते हैं, वैसे ही शक्ति शहर की अभिभाजित मध्य प्रदेश एवं रियासत काल से बुधवारी बाजार एक पहचान था, तथा इस पहचान को शासन ने कहीं ना कहीं समाप्त करने में कोई कसर बाकी नहीं रखी, ठीक है समय के हिसाब से शहरी क्षेत्र में व्यवस्थित बसाहट की आवश्यकता होती है, किंतु व्यवस्थित बसाहट के लिए जनता को विश्वास में लेकर भी अच्छे काम किया जा सकते हैं, किंतु शक्ति में तो ऐसा लगता है कि जनता को विश्वास में लिए बिना ही प्रशासन बंद कमरों में ही निर्णय ले लेता है,तथा जब जनता ऐसे सरकारी अधिकारियों से सवाल करती है तो अधिकारी जनता से रूबरू होने में बचने की कोशिश करते हैं, तथा बीते साल 2023 में कुछ ऐसा ही हुआ था,जब बुधवारी बाजार क्षेत्र में तोड़फोड़ हुई तो प्रभावित लोग जब कलेक्ट्रेट कार्यालय में तत्कालीन कलेक्टर नूपुर राशि पन्ना के पास पहुंचे तो उन्होंने एक टका सा जवाब दे दिया,की तोड़फोड़ का तो मुझे मालूम ही नहीं है, इसे नगर पालिका जानेगी

वहीं दूसरी ओर शक्ति शहर में लगभग 90 करोड रुपए की लागत से मिरौनी डेम से नई जल आवर्धन योजना का काम विगत लगभग दो-तीन वर्षों से निरंतर चल रहा है, आज तक यह जल आवर्धन योजना पूरी नहीं हो पाई, स्थानीय विधायक डॉ चरण दास महंत ने इस जल आवर्धन योजना को लेकर यह बात कही थी कि यह जल आवर्धन योजना जिले के सभी नगरीय निकायों के लिए एक वरदान साबित होगी, किंतु यह योजना कब पूर्ण होगी, यह भी नहीं मालूम, जिस धीरे गति से इस योजना का काम चल रहा है, उससे ऐसा लगता है कि इस योजना के अस्तित्व में आने में और कई साल लग जाएंगे, तथा अविभाजित जांजगीर चांपा जिले के समय शक्ति में प्रारंभ हुई यह योजना निश्चित रूप से एक बड़ी योजना थी, क्योंकि इतनी बड़ी लागत का एक भी निर्माण कार्य क्षेत्र में नहीं चल रहा है,इसके लिए नागरिकों ने स्थानीय विधायक का धन्यवाद भी ज्ञापित किया था, किंतु अब क्षेत्र की जनता इंतजार कर रही है कि गर्मी के महीने में जब शक्ति शहर में पानी के लिए त्राहि त्राहि मचती है,तथा नगर पालिका प्रशासन पानी टैंकरों के माध्यम से जल आपूर्ति का कार्य करती है, तो कहीं ना कहीं यह नई जल आवर्धन योजना लोगों को सुगम एवं सुलभ तरीके से पानी उपलब्ध करा पाए

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