नेता प्रतिपक्ष महंत के गढ़ में भाजपा ने दी चुनौती- भाजपा के पांच पार्षदों ने लगा दिया कांग्रेस अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास, 24 जनवरी को होगा अविश्वास पर फैसला, 6 में 5 ही भाजपा पार्षदों ने किये दस्तखत, 2019 के अध्क्षयीय चुनाव में भाजपा प्रत्याशी को आठ में मिले थे केवल चार वोट, शक्ति में राजनैतिक सरगर्मी तेज
नेता प्रतिपक्ष महंत के गढ़ में भाजपा ने दी चुनौती- भाजपा के पांच पार्षदों ने लगा दिया कांग्रेस अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास, 24 जनवरी को होगा अविश्वास पर फैसला, 6 में 5 ही भाजपा पार्षदों ने किये दस्तखत, 2019 के अध्क्षयीय चुनाव में भाजपा प्रत्याशी को आठ में मिले थे केवल चार वोट
शक्ति छत्तीसगढ़ से कन्हैया गोयल की खबर
सक्ति- छत्तीसगढ़ प्रदेश में सत्ता पलटते ही भारतीय जनता पार्टी आक्रामक हो गई है, तथा प्रदेश के विभिन्न नगरीय निकायों में जहां-जहां कांग्रेस के अध्यक्ष काबिज है वहां भारतीय जनता पार्टी एक सूत्रीय अभियान के तहत अविश्वास प्रस्ताव लाकर अपने लोगों को बैठने का काम कर रही है, इसी श्रृंखला में जहां विगत दिनों नगर पंचायत डभरा में भी वर्तमान कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम अग्रवाल के खिलाफ भाजपा पार्षदों में अविश्वास प्रस्ताव लगा दिया है, तो वहीं नगर पालिका शक्ति जो कि छत्तीसगढ़ विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष डॉ चरण दास महंत का गृह विधानसभा मुख्यालय है एवं शक्ति नगर पालिका अध्यक्ष के पद पर जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष त्रिलोकचंद जायसवाल दादू की धर्मपत्नी श्रीमती सुषमा जायसवाल अध्यक्ष पद पर काबिज है, एवं सुषमा जसवाल ने 2019 के नगर पालिका चुनाव में जीत दर्ज की थी
तथा12 जनवरी को भारतीय जनता पार्टी शक्ति के वार्ड क्रमांक- 6 की पार्षद श्रीमती रजनी संजय रामचंद्र, वार्ड क्रमांक- 09 के पार्षद गजेंद्र यादव पिंटू, वार्ड क्रमांक- 12 की पार्षद श्रीमती विजया लखन देवांगन,वार्ड क्रमांक-16 के पार्षद धनंजय नामदेव एवम वार्ड क्रमांक- 18 की पार्षद श्रीमती सरला गोविंदा निराला ने जिला कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुंचकर शक्ति जिले की कलेक्टर श्रीमती नूपुर राशि पन्ना को अविश्वास की सूचना दे डाली तथा अविश्वास की सूचना मिलते ही जिला कलेक्टर ने 24 जनवरी को नगर पालिका का सम्मेलन आहूत किया है
तथा इस सम्मेलन में वर्तमान अध्यक्ष श्रीमती सुषमा जायसवाल के भविष्य पर फैसला होगा, वहीं नगर पालिका शक्ति में राजनीतिक रूप से देखा जाए तो अविश्वास प्रस्ताव पहली बार आया है, तथा 2019 में जब नगर पालिका के चुनाव हुए थे तब तत्कालीन कांग्रेस की सरकार ने नगरी निकाय के निर्वाचन की प्रक्रिया में संशोधन कर पार्षदों द्वारा अध्यक्ष चुने जाने की व्यवस्था बनाई थी,जिसके तहत भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष प्रत्याशी के रूप में वार्ड क्रमांक- 03 की पार्षद सुश्री सिद्धेश्वरी सिंह ने नामांकन दाखिल किया था, तथा सिद्धेश्वरी सिंह को भारतीय जनता पार्टी के पार्षदों का ही समर्थन अपेक्षानुरूप नहीं मिल पाने के कारण यहां कांग्रेस पार्टी ने जीत दर्ज की थी, तथा सिद्धेश्वरी सिंह को केवल चार वोट ही मिले थे, जबकि 2019 के समय भाजपा के 8 पार्षद चुनाव जीतकर आए थे, तथा अब फिर से भारतीय जनता पार्टी के पार्षदों ने अविश्वास प्रस्ताव लगाकर एक बार फिर से राजनीतिक रूप से भूचाल ला दिया है
एवं 24 तारीख को होने वाले नगर पालिका के सम्मेलन के पूर्व अब पार्षदों की भी चांदी हो जाएगी ऐसा जन चर्चा है, एवं शह और मात के खेल में क्या भारतीय जनता पार्टी कांग्रेस के अध्यक्ष को हटाने में कामयाब होगी या की कांग्रेस के अध्यक्ष पुनःविश्वास के खेल में सफलता हासिल करेंगे यह तो आने वाला समय ही बताएगा लेकिन शक्ति नगर पालिका में यह बात तो तय जरूर है कि अविश्वास प्रस्ताव को लेकर जोरों से सौदेबाजी का खेल चलेगा तथा कहीं ना कहीं पार्षदों का एक बार फिर से मान-मनोवल बढ़ेगा, वहीं राजनीतिक रूप से यह चर्चा भी जोरो से है कि कांग्रेस के ही कुछ असंतुष्ट पार्षदों ने भाजपा के साथ मिलकर यह गेम खेला है,किंतु अविश्वास प्रस्ताव की सूचना पर केवल पांच ही पार्षदों के हस्ताक्षर से यह स्पष्ट नहीं हो पा रहा है, किंतु नगर पालिका शक्ति में 2019 के चुनाव के बाद भारतीय जनता पार्टी के 8 पार्षद चुनाव जीतकर आए थे जिसमें दो पार्षदों ने बाद में कांग्रेस का दामन थाम लिया था, तथा कांग्रेस का दामन थामने के बाद भाजपा के केवल 6 पार्षद ही शेष रहे गए थे