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शक्ति नगर पालिका में अविश्वास प्रस्ताव में फेल हुई भाजपा….बच गई कांग्रेस समर्थित सुषमा की कुर्सी,काम आ गई नेता प्रतिपक्ष की कुशल रणनीति

शक्ति नगर पालिका में <em>अविश्वास प्रस्ताव में फेल हुई भाजपा….बच गई कांग्रेस समर्थित सुषमा की कुर्सी</em>,काम आ गई नेता प्रतिपक्ष की कुशल रणनीति Console Corptech
शक्ति नगर पालिका अध्यक्ष श्रीमती सुषमा दादू जायसवाल

अविश्वास प्रस्ताव में फेल हुई भाजपा….बच गई कांग्रेस समर्थित सुषमा की कुर्सी

शक्ति छत्तीसगढ़ से कन्हैया गोयल की खबर

शक्ति …..नगर पालिका शक्ति के अध्यक्ष पद के लिए भाजपा के पांच पार्षद द्वारा लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर 24 जनवरी को हुए मतदान में अंततः स्थानीय विधायक तथा नेता प्रतिपक्ष छत्तीसगढ़ डॉ.चरण दास महंत की रणनीति काम कर गई ,तथा भाजपा की सरकार होने के बाद भी जहां कांग्रेस समर्थित नगर पालिका अध्यक्ष श्रीमती सुषमा दादू जायसवाल ने अपनी कुर्सी बचाने में सफलता हासिल कर ली, वहीं सरकार होने के बावजूद भारतीय जनता पार्टी अपनी रणनीति में फेल हो गई

तथा अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में वोटो की तुलना में केवल 10 वोट मिले, जिसके चलते अविश्वास प्रस्ताव गिर गया, 24 जनवरी की सुबह से ही कांग्रेस एवं भाजपा के पार्षद अविश्वास प्रस्ताव को लेकर नगर पालिका में पहुंचे तथा स्थानीय प्रशासन एवं पुलिस प्रशासन भी पूरी मुस्तैदी के साथ तैनात था एवं जब दोपहर 1:30 बजे मतदान के बाद परिणाम घोषित हुए तो वर्तमान कांग्रेस समर्थित नगर पालिका अध्यक्ष श्रीमती सुषमा दादू जायसवाल के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव के पास नहीं होने की जानकारी दी गई, जिससे कांग्रेस समर्थित पार्षदों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा तथा उन्होंने मिठाइयां बताकर एवं पटाखे फोड़कर अपनी जीत की खुशियां मनाई वहीं भाजपा खेमे में मायूसी देखी गई तथा भारतीय जनता पार्टी कहीं ना कहीं सरकार होने के बावजूद अपनी राजनैतिक रणनीति को सफल नहीं बन पाई तथा राजनीतिक सूत्रों का कहना है कि स्थानीय विधायक तथा नेता प्रतिपक्ष डॉ चरण दास महंत ने एक सप्ताह से सभी कांग्रेस समर्थित पार्षदों को एकजुट कर इस अविश्वास प्रस्ताव को लेकर रणनीति बनाई थी, जिसके चलते 24 जनवरी को कांग्रेस के दो पार्षद अविश्वास प्रस्ताव के मतदान में ही नहीं पहुंचे तथा 16 पार्षदों की उपस्थिति में ही मतदान की प्रक्रिया जिला कलेक्टर के निर्देश पर संपन्न कराई गई

वर्तमान में भारतीय जनता पार्टी के 6 पार्षद थे, किंतु अविश्वास के पक्ष में 10 वोट मिले तो आखिरकार वे 04 पार्षद कौन थे, इसको लेकर शहर में चर्चा जोरों से हैं, तथा अन्य चार पार्षदों ने भी कहीं ना कहीं भाजपा के इस अविश्वास में अपना सहयोग दिया है

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