मलाईदार विभागों को लेकर मोल-मुलाई शुरू- एनडीए की बैठक में मोदी के नाम पर मुहर, सर्वसम्मति से चुने गए गठबंधन के नेता, भाजपा अध्यक्ष नड्डा ने कहा मोदी जी के समग्र दृष्टि कोड के माध्यम से उल्लेखनीय वृद्धि एवं विकास का हुआ अनुभव, छत्तीसगढ़ से केंद्र में मंत्री बनने पर लगे सवालिया निशान, मौज में रहेगी TDP और जेडीयू
एनडीए की बैठक में मोदी के नाम पर मुहर, सर्वसम्मति से चुने गए गठबंधन के नेता, भाजपा अध्यक्ष नड्डा ने कहा मोदी जी के समग्र दृष्टि कोड के माध्यम से उल्लेखनीय वृद्धि एवं विकास का हुआ अनुभव
शक्ति छत्तीसगढ़ से कन्हैया गोयल की खबर
सक्ति-भारत के प्रधानमंत्री भले ही नरेंद्र मोदी बनें, नई सरकार की सूरत कुछ बदली-बदली नजर आ सकती है, क्योंकि बीजेपी को अपने दम पर बहुमत नहीं मिल पाया है,भारतीय जनता पार्टी (BJP) की अगुवाई वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) ने नरेन्द्र मोदी को सर्वसम्मति से अपना नेता चुन लिया. इसके साथ ही मोदी ने लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री के रूप में देश की बागडोर संभालने की दिशा में एक और कदम आगे बढ़ा दिया. लोकसभा चुनाव में एनडीए को बहुमत मिलने के एक दिन बाद बुधवार को प्रधानमंत्री आवास पर गठबंधन में शामिल दलों के शीर्ष नेताओं की बैठक में यह फैसला किया गया. इस बैठक में टीडीपी नेता चंद्रबाबू नायडू और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी शामिल हुए. भाजपा की तरफ से इस बैठक में प्रधानमंत्री मोदी के अलावा पार्टी अध्यक्ष जे पी नड्डा, राजनाथ सिंह और अमित शाह ने बैठक में हिस्सा लिया
7 जून को हो सकती है NDA की एक और बैठक
सूत्रों के हवाले से आ रही खबरों के मुताबिक 7 जून को एनडीए की एक और बैठक हो सकती है, जिसके बाद राष्ट्रपति से मिलकर गठबंधन सरकार बनाने का दावा पेश किया जा सकता है. शपथ ग्रहण समारोह की तारीख को लेकर आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कहा गया है, लेकिन गठबंधन के कुछ सदस्यों का मानना है कि अगर नई सरकार की रूपरेखा जल्द तैयार हो जाती है, तो शपथ ग्रहण इसी हफ्ते हो सकता है. इस लोकसभा चुनाव में टीडीपी (TDP) ने 16, जेडीयू (JDU) ने 12, शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना ने 7 और लोजपा (रामविलास) ने पांच सीटें जीती हैं. ये सभी दल नई गठबंधन सरकार के गठन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे
जेडीयू, टीडीपी को देने होंगे बड़े विभाग?
ऐसी चर्चा है कि नई सरकार में टीडीपी और जद(यू) जैसे दल अपने लिए महत्वपूर्ण विभागों की मांग कर सकते हैं, क्योंकि उनका समर्थन सरकार के गठन और अस्तित्व के लिए काफी अहम होगा. इस बार प्रधानमंत्री भले ही नरेंद्र मोदी हों, लेकिन नई सरकार की सूरत कुछ बदली-बदली नजर आ सकती है, क्योंकि बीजेपी को अपने दम पर बहुमत नहीं मिल पाया है. लिहाजा, सत्ता हासिल करने और सरकार चलाने के लिए उसे अपने सहयोगियों पर निर्भर रहना पड़ेगा. 543 सदस्यों वाली लोकसभा में एनडीए गठबंधन 290 से ज्यादा सीटें हासिल कर बहुमत के लिए जरूरी 272 के जादुई आंकड़े को पार कर गया है. लेकिन बीजेपी 2014 के बाद पहली बार अपने दम पर बहुमत नहीं हासिल कर पाई है
बैठक में पारित प्रस्ताव में क्या कहा है
इन तमाम अटकलों के बीच बुधवार की बैठक में शामिल सभी घटक दलों ने प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व पर विश्वास जताया और दावा किया कि उनके नेतृत्व में एनडीए सरकार भारत के गरीब, महिला, युवा, किसान, शोषित, वंचित और पीड़ित नागरिकों की सेवा करने के लिए प्रतिबद्ध है. बैठक में पारित प्रस्ताव में कहा गया, ‘‘हम सभी को गर्व है कि 2024 का लोकसभा चुनाव एनडीए ने नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में एकजुटता से लड़ा और जीता. हम सभी एनडीए के नेता नरेंद्र मोदी को सर्वसम्मति से अपना नेता चुनते हैं.’’ प्रस्ताव में कहा गया कि 140 करोड़ देशवासियों ने पिछले 10 वर्षों में प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में एनडीए सरकार की जनकल्याणकारी नीतियों से देश को हर क्षेत्र में विकसित होते देखा है. इसमें कहा गया, ‘‘बहुत लंबे अंतराल, लगभग छह दशक के बाद भारत की जनता ने लगातार तीसरी बार पूर्ण बहुमत से सशक्त नेतृत्व को चुना है