मोक्षदा एकादशी- श्याम ग्यारस पर आज शक्ति के राधा कृष्ण मंदिर में होगा श्री श्याम ग्यारस संकीर्तन कार्यक्रम, 1 दिसंबर की सुबह श्री राम मंदिर से निकली भव्य निशान यात्रा, प्रसिद्ध भजन गायक राधिका शांडिल्य पटना एवं विक्की सिंघल देंगे भजनों की स्तुति, जानिए मोक्षदा एकादशी का क्या है महत्व, शक्ति के राम मंदिर से सुबह निकली निशान यात्रा



मोक्षदा एकादशी- श्याम ग्यारस पर आज शक्ति के राधा कृष्ण मंदिर में होगा श्री श्याम ग्यारस संकीर्तन कार्यक्रम, 1 दिसंबर की सुबह श्री राम मंदिर से निकली भव्य निशान यात्रा, प्रसिद्ध भजन गायक राधिका शांडिल्य पटना एवं विक्की सिंघल देंगे भजनों की स्तुति, जानिए मोक्षदा एकादशी का क्या है महत्व
शक्ति छत्तीसगढ़ से कन्हैया गोयल की खबर
सक्ती- शक्ति शहर के प्रतिष्ठित श्री श्याम परिवार एवं श्री राधा कृष्ण मंदिर सेवा समिति द्वारा आज दिनांक- 1 दिसंबर 2025 दिन- सोमवार को रात्रि 7:30 बजे से मोक्षदा एकादशी के पावन मौके पर श्री राधा कृष्ण मंदिर में श्री श्याम ग्यारस संकीर्तन कार्यक्रम का आयोजन किया गया है, उपरोक्त कार्यक्रम में जहां बाबा श्याम की ज्योत प्रज्वलित होगी तो वही पटना बिहार की प्रसिद्ध भजन गायिका राधिका शांडिल्य एवं विक्की सिंघल खाटू वाले श्याम जी के भजनों की शानदार प्रस्तुति देंगे,तथा रात्रि 11:30 बजे प्रभु की आरती का कार्यक्रम होगा उपरोक्त जानकारी देते हुए श्री श्याम परिवार शक्ति के सदस्यों ने समस्त धर्म प्रेमियों, श्याम प्रेमियों को सह परिवार उपरोक्त कार्यक्रम में शामिल होकर पुण्य का भागी बनने का आग्रह किया है
01 दिसंबर की सुबह निका₹ली भव्य निशान यात्रा
मोक्षदा एकादशी के पावन मौके पर शक्ति के श्री राम मंदिर से सुबह 9:00 बजे भव्य निशान यात्रा निकाली गई, जिसमें श्याम प्रेमियों ने हाथ में निशान उठाकर पैदल चलते हुए श्री राधा कृष्ण मंदिर में पहुंचकर बाबा श्याम को निशान अर्पित किए, तथा इस निशान यात्रा में काफी संख्या में श्याम भक्त, महिलाएं एवं बच्चे भी मौजूद थे तथा पूरे मार्ग में जय जय श्री श्याम के श्री घोष के साथ पूरे उत्साह के साथ चल रहे थे
आज है मोक्षदा एकादशी, जानें भगवान विष्णु के व्रत की विधि, मुहूर्त और धार्मिक महत्व
सनातन परंपरा में मार्गशीर्ष शुक्लपक्ष की एकादशी तिथि मोक्षदा एकादशी कहा जाता है. जिस मोक्षदा एकादशी पर विधि विधान से व्रत रखने वाले व्यक्ति श्री हरि की कृपा से साधक सभी सुखों को भोगता हुआ अंत में मोक्ष को प्राप्त होता, आज वह भद्रा के साया रखा जाएगा, यह पावन तिथि जगत के पालनहार भगवान विष्णु की पूजा, जप, तप और व्रत के लिए समर्पित है. हिंदू मान्यता है कि इस दिन विधि-विधान से व्रत रखने पर साधक के जीवन से जुड़े सारे दोष दूर होते और उसे पुण्यफल प्राप्त होते हैं. इस एकादशी का महत्व तब और भी बढ़ जाता है, जब यह मार्गशीर्ष मास के शुक्लपक्ष में पड़ती है और मोक्षदा एकादशी कहलाताी है क्योंकि मान्यता है कि इसी दिन भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को गीता का उपदेश दिया था. आइए मोक्षदा एकादशी तिथि की पूजा विधि, शुभ मुहूर्त और धार्मिक महत्व को विस्तार से जानते हैं
मोक्षदा एकादशी का मुहूर्त
पंचाग के अनुसार अगहन मास के शुक्लपक्ष की मोक्षदा एकादशी का व्रत आज रखा जाएगा. यह पावन एकादशी तिथि 30 नवंबर 2025, रविवार को 09:29 बजे से शुरू होकर आज 01 दिसंबर 2025, सोमवार की शाम 07:01 बजे पूर्ण हो जाएगी. यह व्रत भद्रा के साये और पंचक के दौरान रखा जाएगा. पंचांग के अनुसार आज भद्रा प्रात:काल 08:20 से प्रारंभ होकर शाम 07:01 बजे रहेगी. वहीं जिस पारण के बगैर यह व्रत अधूरा माना जाता है, उसे श्री हरि के साधक कल 02 दिसंबर 2025, मंगलवार को प्रात:काल 06:57 से लेकर 09:03 बजे के बीच कर सकेंगे.
मोक्षदा एकादशी व्रत का धार्मिक महत्व
हिंदू मान्यता के अनुसार मोक्षदा एकादशी व्रत को विधि-विधान से रखने पर व्यक्ति के जीवन से जुड़े सारे कष्ट दूर और कामनाएं पूरी होती हैं. भगवान विष्णु के आशीर्वाद से उसके जीवन से जुड़े सारे दोष दूर हो जाते हैं और वह सभी पापों से मुकत् होकर सारे सुखों को भोगता हुआ अंत समय में मोक्ष को प्राप्त होता है. इस व्रत को करने से विष्णु तीर्थ के दर्शन और पूजन का पुण्यफल प्राप्त होता है.
मोक्षदा एकादशी की पूजा विधि और उपाय
मोक्षदा एकादशी पर व्यक्ति को तन-मन से पवित्र होने के बाद पीले वस्त्र पहनना चाहिए. इसके बाद घर के ईशान कोण में एक चौकी पर पीले रंग का आसन बिछाकर उसमें श्री हरि की प्रतिमा या चित्र रखें और उस पर शुद्ध जल छिड़कें. इसके बाद भगवान विष्णु को फल, फूल, धूप-दीप आदि अर्पित करें. आज के दिन व्यक्ति को भगवान विष्णु को गाय के दूध में केसर और तुलसीदल मिलाकर विशेष रूप से अर्पित करना चाहिए. मान्यता है कि इस उपाय को करने से श्री हरि शीघ्र ही प्रसन्न होते हैं. पूजन प्रक्रिया पूरा करने के बाद एकादशी व्रत की कथा कहें और अंत श्री हरि की आरती करना बिल्कुल न भूलें.
शुभ मुहूर्त में करें मोक्षदा एकादशी व्रत का पारण
हिंदू मान्यता के अनुसार मोक्षदा एकादशी का व्रत तभी पूर्ण होता है जब आप इसका अगले दिन विधि-विधान से पारण करते हैं. मोक्षदा एकादशी का पारण कल 02 दिसंबर को सुबह 06:57 से लेकर 09:03 बजे के बीच किया जा सकेगा.


