

भारत में एक ही छत के नीचे एक ही शिक्षा, राष्ट्र भक्ति प्रथम पर आधारित ही उपलब्ध- सदगुरु रितेश्वर जी महाराज,रितेश्वर जी महाराज ने कहा-है भारत, और भारत के लोगों, अब लौट चलें सनातन भारत की और, संस्कार गुरुकुलम प्रकृति की ओर
शक्ति छत्तीसगढ़ से कन्हैया गोयल की खबर
शक्ति- पूरे देश अपितु दुनिया में सनातन धर्म की रक्षा के लिए अपनी वाणी से लोगों में जागरूकता का संचार करने वाले श्री आनंदन धाम वृंदावन निवासी सदगुरू रितेश्वर जी महाराज ने भारत देश के नागरिकों को अपनी अमृतमय मुखर वाणी से कहा है कि आप विकास कितना भी कर लें, अरे भाई स्वर्ण की लंका से ज़्यादा विकास करोगे क्या? उस समय लंका की समृद्धि ऊँचाई आर्थिक मामलों में, सैन्य मामलों में, कूटनीति मामलों में, टेक्नोलॉजी( पुष्पक विमान) कितनी शिखर पर थी, पर संस्कार विहीन आचरण ने निज स्वार्थ से ग्रसित जनता का भोग विलास में डूबे रहना एक दिन इतना भारी पड़ा की लंका तहस नहस हो गई, न राजा संस्कारी था, न प्रजा, फिर जो हुआ किसी से छुपा नहीं है, वर्तमान भारत को हर घर में माता पिता सामाजिक संस्थाओं को, सरकार को, संस्कार सनातन ज्ञान को अनिवार्य कर विकास चलती रहे, तब तो कल्याण है, अन्यथा अफ़ग़ानिस्तान, पाकिस्तान, बांग्लादेश की तरह आतंक मारपीट नरसंहार से कंगाल होकर सब नष्ट होने के सिवा और कोई परिणाम नहीं होगा
सदगुरु रितेश्वर जी महाराज कहते हैं कि हे भारत और भारत के लोगों इससे पूर्व की ऐसे भयानक रुह कँपा देनें वाले दुर्दिन आयें, और सब नष्ट हो जाये, उससे पहले ही आ लौट चलें, सनातन भारत की ओर संस्कार गुरुकुलम प्रकृति की ओर….भारत के प्रत्येक बच्चों छात्रों हेतु पहली से लेकर बारहवीं तक एक ही छत के नीचे, एक ही शिक्षा हो, जो की भारतीय मूल्यों पर,संस्कारों राष्ट्र भक्ति प्रथम पर,आधारित ज्ञान -विज्ञान तकनीक की शिक्षा नीति तैयार हो, और अविलंब लागू हो जब तक नहीं होती तबतक अपनी संतानों को स्वयं माता पिता गांव के लोग सनातन संस्कार प्रकृति प्रेम और वीरता की शिक्षा अनिवार्य रूप से दें,आज अभी जहाँ भी हों आप इसको प्रारंभ करें, क्यूंकि कुछ ही वर्षों में भयंकर उथल पुथल होगा फिर बच न पाएंगे